अगर नए कर्मचारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे तो जैसे जवानी बीत रही है वैसे ही बुढापा भी बीतेगा।

✍पुरानी पेंशन

 *जवाब*  की  आशा के साथ


1. यह कि हमारे कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन बहाली 24 सूत्रीय मांगपत्र में एक नंबर पर क्यों नही रखते?

2. यहकि हमारे संगठन पुरानी पेंशन पर टेबल टाक क्यों नहीं करते ? यदि हुई है तो बताते क्यों नहीं?

           "  1 अप्रैल 2005 के बाद भर्ती होने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए पुरानी पेंशन बंद कर NPS  लागू कर दी गई ।
ज्ञातव्य है कि NPS  और ओपीएस अर्थात पुरानी पेंशन स्कीम है क्या?"


                          पुरानी पेंशन योजना

*1* पुरानी पेंशन योजना कर्मचारी द्वारा की गई सेवाओं के फलस्वरूप बिना किसी अंशदान के सरकार द्वारा प्रदान की जाती है।          

*2* पुरानी पेंशन योजना की कोई धनराशि शेयर मार्केट के अधीन नहीं होती है।

 *3*  पुरानी पेंशन योजना पर सरकार पूर्ण सुरक्षा प्रदान करती है ।

 *4*  पुरानी पेंशन के  तहत धनराशि जीपीएफ कटौती को आवश्यकतानुसार कर्मचारी लोन के रूप में आहरित कर सकता है।

 *5* पुरानी पेंशन योजना में प्रतिवर्ष दो बार महंगाई भत्ता प्राप्त होता है।

 *6* पुरानी पेंशन योजना में पे कमीशनके अनुसार पेंशन वृद्धि होती है।

 *7*  पुरानी पेंशन में फंड मैनेजर की कोई व्यवस्था नहीं है।

 *8* पुरानी पेंशन में पारिवारिक पेंशन की व्यवस्था पूर्णतया सरकार द्वारा की जाती है।

 *9*  सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारी का जो वेतन होता है उसका अर्ध वेतन  पेंशन के रूप में निर्धारित हो जाता है।

 *10* *सेवानिवृत्ति के समय 16 माह का वेतन कर्मचारी को ग्रेच्यूटी के रूप में प्रदान किया जाता है ।

 *11*  ग्रेच्युटी पर कोई टैक्स नहीं लगता है ।



                      * *नवीन पेंशन योजना** 

 *1* एनपीएस नवीन पेंशन योजना नई परिभाषित अंशदाई पेंशन योजना में कर्मचारी के वेतन एवं DA का 10% की कटौती की जाती है ।

 *2* नव परिभाषित पेंशन योजना शेयर मार्केट आधारित योजना है ।
*3*  NPS  में कोई निश्चित पेंशन धनराशि नहीं है अर्थात किसी माह 10000 किसी माह 50000 पेंशन मिल सकती है नहीं भी मिल सकती है।
 *4*  नवीन पेंशन योजना पूरी तरह शेयर मार्केट पर आधारित होने के कारण सरकार कोई सुरक्षा की गारंटी नहीं प्रदान करती है ।

 *5*  नवीन पेंशन योजना के तहत काटी गई धनराशि से कोई पैसा आहरित नहीं कर सकते हैं यदि कर सकते हैं तो तीन बार प्रक्रिया जटिल है।

 *6* नवीन पेंशन योजना में पेंशन प्लान लेने के बाद महंगाई भत्ता इत्यादि देय नहीं है ।

 *7* पेंशन योजना को तीन फण्ड मैनेजर sbi, uti,  lic ही संचालित करेंगे  सरकार से कोई मतलब न रहेगा ।
मैनजरों के  वेतन व भत्ते कर्मचारी द्वारा जमा की गई पेंशन हेतु धनराशि से काटे जाएंगे ।

 *8*  नवीन पेंशन योजना में पारिवारिक पेंशन आपके बचे हुए फंड के धन से ही उपलब्ध कराई जाती है ।

 *9* कर्मचारी 60 वर्ष या  50 वर्ष सरकार के अधीन हो कर  सेवा करेंगे और सरकार उन्हें NSDL प्राइवेट कंपनी के सहारे छोड़ कर अपना पल्ला झाड़ लेगी।



  स्वाभिमान सम्मान कर्मचारी का खतरे में है *बुढ़ापा खतरे* में है या कम शब्दों में कहें तो हमारा सेवानिवृत्ति के बाद भविष्य खतरे में है आज की संस्कृति में आने वाले समय की संस्कृति में जमीन आसमान का नहीं दिन रात का अंतर होगा आनेवाले समय में कोई किसी की सेवा नही करेगा इसलिए हमारा बुढ़ापा हमारा भविष्य खतरे में है
 वर्तमान में हमारी सैलरी पर्याप्त है फिर भी हम माह के अन्तमे  सैलरी की प्रतीक्षा करने लगते हैं अतः हम बुढ़ापे के लिए बचत नही कर पा रहे हैं।

 न कर पाएंगे रिटायरमेंट के बाद  न वेतन होगा न ही पेंशन होगी चिन्तन कीजिये जीवन का स्वरुप क्या होगा बुढ़ापा सम्मान से नही कटेगा दुर्दिन होंगे
जरा सोचिए
हमारी समस्याहै   लड़ेगा कौन?
हमारा दर्द दूर करेगा कौन ,?
दूसरा कोई नहीं हमे ही संघर्ष करना होगा

 पश्चिम बंगाल केरल व त्रिपुरा में लागू तो उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं?

 *6th पे कमीशन ने कहा था पेंशन कर्मचारी का लंबित वेतन है*
अतः आये सभी विभाग के कर्मचारियों का एक संगठन बनाकर  पुरानी पेंशन के लिए एक साथ संघर्ष करें ।


अभी नही तो कभी नहीं.....….......

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