बेरोजगारी का आलम उत्तर प्रदेश में ये हो गया है कि पढ़े लिखे बेरोजगारों को नौकरी तो मिलने से रही उल्टा लाठियां और डंडे खाने पड़ रहे हैं।
11 अगस्त 2017 के दैनिक भास्कर की खबर इसका सच बयान कर रही है।
इन अभ्यर्थियों का कसूर मात्र इतना ही था कि इन्होंने अपने आपको नौकरी के काबिल समझ लिया। महिलाओं को भी नही बख्शा गया। टेट पास होना और बीएड धारक होना ही नौकरी का मात्र विकल्प नही है।
शिक्षक बनने के लिए अब लाठी भी खाना पड़ेगा।
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