जीवन जीना बहुत ही मजेदार और निराशाजनक हो सकता है और ये व्यक्ति पर निर्भर करता है।
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अदिति शर्मा
केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण, बैंगलोर पीठ में हिंदी अनुवादक संपर्क-ई-मेल : aditisharmamystery@gmail.comअदिति शर्मा
स्त्री मुक्ति चेतना व स्त्रीवादी दृष्टिकोण पर बहुत कुछ लिखा जा चुका है और बहुत कुछ लिखा जा रहा है, किन्तु बुनियादी सवाल अभी तक क़ायम हैं। सूक्ष्म रेशे से अटके इन सवालों की सामाजिक सन्दर्भों में बारीकी से की गयी जाँच-पड़ताल ही नारी अस्मिता की खोज कर सकती है। वर्तमान समय में जब स्त्रियाँ घरों की चारदीवारी से बाहर निकलकर संघर्षरत हैं, नियमों, मर्यादाओं और वर्जनाओं से अपने स्त्रीत्व व अस्मिता की टकराहट को अपने अनुभवों से महसूस रही हैं तब ये अनुभव उन्हें झकझोरते हैं और एहसास कराते हैं उस जकड़नावस्था का जिसमें वे फँसी हैं। जहाँ उनके चुनाव और निर्णय लेने के अधिकार को हिक़ारत की नज़र से देखा जाता है। यदि स्त्री को मनुष्य ही ना समझा जा रहा हो तो उसके वरण की स्वतंत्रता का सम्मान भी संभव नहीं। यहीं से समानता की अवधारणा का प्रारम्भ होता है और यहीं से उन सभी प्रश्नों के उत्तर ढूँढने का प्रयास शुरू होता है जो इस समाज ने खड़े किये हैं।
बीसवीं सदी तक आते-आते स्त्रियों ने अपने कदम उन क्षेत्रों की ओर बढ़ा दिए थे जहाँ अभी तक केवल पुरुषों का एकाधिकार था। स्त्रियाँ स्वयं को सक्षम सिद्ध कर रही थी किन्तु उपभोक्तावादी संस्कृति तथा विज्ञापन-व्यवसाय ने उसे एक अलग ही छवि में प्रस्तुत करना चाहा। विज्ञापनों में अधिकांशतः स्त्रियों की दो तरह की छवियाँ परोसी जाती है, पहली में सुबह से दौड़ती-भागती पति को ऑफिस और बच्चों को स्कूल भेजती स्त्री जो 5 रुपये के साबुन से बर्तन चमकाती है 3 रुपये सस्ते डिटर्जेंट से पति की पीली पड़ गयी कमीज़ को चकाचक सफ़ेद कर देती है और कमर दर्द होने पर शिकायत भी नहीं करती (वो तो भला हो उस 'महापुरुष'का जो 'मूव' या 'आयोडेक्स' लगाकर उसे दर्दमुक्त कर देता है) फिर श्रृंगार कर 'आशीर्वाद आटा' 'बासमती चावल' और 'एम डी एच मसालों' से पति का मनपसंद खाना बनाकर शाम को उसका इंतज़ार करती है। दूसरी छवि एकदम भिन्न है जहाँ स्त्री मोटर बाइक पर सवार या डीयोड्रेट लगाते यहाँ तक कि टूथपेस्ट करते और दाढ़ी बनाते पुरुष को देखकर भी कामुक हो जाती है।
अब विचारणीय यह है कि जिस स्त्री को ये मीडिया प्रस्तुत कर रहा है वह वास्तव में उपभोक्ता है या उपभोग्य ! अपने स्त्रीत्व और अस्मिता से जुड़े सवालों से हर दिन जूझती स्त्री को लम्बे संघर्ष के बाद जो थोड़ी सी आज़ादी मिली है उसके प्रति और भी सतर्क होने की जरूरत है। इस पूरी बाज़ारवादी संस्कृति को संचालित करने वाली षड्यंत्रकारी पुरुषसत्ता के इरादों को समझना होगा। यह भी ध्यातव्य है कि यह वही पुरुषवादी मानसिकता है जिसने सदियों तक स्त्रियों को 'पर्दे' में रखा और अपनी सुविधा के लिए 'पर्दे'पर ले आई। स्त्री पात्रों की भूमिका पुरुषों द्वारा निभाई जाती थी क्योंकि उस समय स्त्रियों के लिए अभिनय, संगीत, नृत्य व कला से जुड़ना लज्जा का विषय था। फिर क्या कारण रहे कि उसी स्त्री को 'प्रोडक्ट' की तरह पेश करते हुए विचार नहीं किया गया। संभवतः यहाँ सारा खेल धन और बाज़ार की ताक़त का है।
विज्ञापन संस्कृति में पुरुष मानसिकता और स्त्री की बदलती मानसिकता के विषय में प्रभा खेतान लिखती है, ‘.....पृष्ठभूमि में व्यापक स्तर पर स्त्री-देह का, उसके कपडों एवं सौंदर्य प्रसाधन का विज्ञापन इस पूर्वानुमति तथ्य पर आधारित है कि वास्तव जगत् की स्त्री देह में ही कोई कमी है, इसलिए इन प्रसाधनों, कपडों एवं डाइटिंग से इसे भोग के अनुकूल बनाया जाना चाहिए।
चूंकि दुनिया और समाज में , पुरुष की नजरों में वह सुन्दर लगे, यह जरूरी माना जाता है। यहां स्त्री व्यक्ति के रूप में भी बार-बार अदृश्य पितृ-सत्तात्मकता के प्रभाव में दूसरे व्यक्ति के संदर्भ में स्वयं को प्रस्तुत करती है। इसमें शायद कुछ सच्चाई और तथ्य भी है, कारण, स्त्री जानती है कि आधी लडाई, वह अपनी देह के स्तर पर जीत ही जाएगी....।’ (उपनिवेश में स्त्री)
नई व आधुनिक स्त्री की जो परिभाषा मीडिया गढ़ रहा है वह वास्तव में भ्रमित करती है,उसी का परिणाम है कि आज स्त्रीविषयक समस्याएँ तो बढती जा रही हैं किन्तु उनका सुनिश्चित समाधान नहीं मिल पा रहा है। मीडिया वर्तमान में एक ऐसे सशक्त माध्यम के रूप में उभरकर सामने आया है जो युवा पीढ़ी में जीवन मूल्यों, आदर्शों एवं नैतिक गुणों को गहराई से प्रभावित कर रहा है। उसके पास ऐसी ताकत है जो समाज में व्याप्त बुराइयों और कुरीतियों को नकारात्मक परिणाम के साथ प्रस्तुत कर सजगता बनाए रख सकता है। किन्तु स्थिति यह है कि मीडिया ख़ालिस बाज़ारवाद के रंग में रंगा हुआ है और यह समझ पाना कठिन हो गया है कि यदि मीडिया बाज़ार है तो विचारणीय है कि बेचा क्या जा रहा है।
मीडिया व स्त्री-समाज दोनों को अपनी ज़िम्मेदारी समझनी होगी। सतर्क होना होगा कि यदि स्त्री इस चमक-दमक व उपभोक्तावादी संस्कृति में खो गई तो नारी-मुक्ति स्वप्न अधूरा ही रह जाएगा। उसे तय करना होगा कि वह वस्तु या उत्पाद बने रहना चाहती है या सृजनशील मनुष्य ! यही निर्णय उसका भविष्य तय करेगा।
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इस दुनिया में बहुत सारे लोग अपना business शुरू करना चाहते है अपना काम करना चाहते है किन्तु बहुत लोगो के सामने एक समस्या आती है वो है जरुरत के अनुसार पैसे का ना होना, किन्तु आज का हमारा विषय है Network Marketing में बिज़नेस कैसे करे इसके लिए बहुत ज्यादा पैसो की आवश्यकता नहीं होती है.
नमस्कार दोस्तों, कैसे हैं आप? हमें उम्मीद है कि आप सब अच्छे से होंगे Success In Hindi में आपका स्वागत है, हमेशा की तरह हम आपके लिए एक और विषय लेकर आए हैं, जो सीधा आपसे जुड़ा है,
आज हम आपको बताएंगे कि आप मार्केटिंग में अपना व्यापार कैसे शुरू करें.
Networking Marketing – नेटवर्क मार्केटिंग का एकमात्र ऐसा बिजनेस है जो कम लागत से शुरू होता है, जिसके लिए ना तो कोई लंबा सेट-अप लगाने की जरूरत होती है इसके साथ ही इस बिजनेस मे समय की कोई पाबंदी नही होती है.
तो आइए जानते हैं उन तरीकों के बारे में जो आपके लिए इस बिजनेस को शुरू करने में सहायक होंगे-
Website वेबसाइट बनाएं
नेटवर्क मार्केटिंग के बिजनेस को बढ़ाने के लिए सबसे पहले एक वेबसाइट तैयार करें जिसमें अपनी कंपनी की हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी जानकारी अपलोड करें, जरूरी है कि आप समय-समय पर प्रोग्राम आयोजित करते रहें, जिसे अपनी वेबसाइट मे अपलोड करें.
इसके अलावा सोशल नेटवर्किंग साइटों का भी इस्तेमाल कर सकतें है, और यूट्युब पर भी आयोजित किए गए प्रोग्राम की वीडियो बनाकर डाल सकतें हैं.
इन सब तरीके से आपको अपने काम की सारी जानकारी तो रहेगी ही, साथ ही आपके लिए इस बिजनेस को करने में और लोगो तक अपना message देने में आसानी भी होगी.
अपने प्रोडक्ट की कीमत तय करें
Networking Marketing बिजनेस के लिए जरूरी है कि आप सबसे पहले जो प्रोडक्ट अपनी कंपनी में शामिल किया है, उसके लिए सबसे पहले अपने उस प्रोडक्ट का खुदरा मुल्य निर्धारित करें आपको मार्किट किस रेट पर sell करना है.
इसके साथ ही अपना कमीशन भी वाजिद रखें इसके अलावा नेटवर्क मार्केटिंग मे स्थान बनाएं रखने के लिए जरूरी विज्ञापन तैयार करने की क्योंकि विज्ञापन ही एक ऐसा माध्यम है जिसे आपके प्रोडक्ट को अच्छा प्रमोशन मिल सकता है.
पहले अपना प्रोडक्ट खुद इस्तेमाल करें
एक सफल नेटवर्क मार्केटर के लिए यह जरूरी है कि सबसे पहले वो खुद प्रोडक्ट को इस्तेमाल करें और उस प्रोडक्ट के प्रति उसके विचार एक समान होना चाहिए.
पने प्रोडक्ट को इस्तेमाल करें, उसको समझे इसके बिना आप नेटवर्क मार्केटिंग के इस बिजनेस में सफल नहीं हो सकते हैं, मान लीजिए की आपने किसी प्रोडक्ट को किसी कस्टमर को दिखाया, तो समझे लें कि वो कस्टमर उस प्रोडक्ट के बारे में आपसे पूछेगा कि आपने भी इसको इस्तेमाल किया है ना?
अगर आप कहेंगे नहीं तो आपका कस्टमर समझ जाएगा कि जब आप ही इसको इस्तेमाल नहीं कर रहे तो फिर में क्यों करूं, वो एक अच्छे प्रोडक्ट को गलत समझ लेगा और आपसे वो प्रोडक्ट नहीं लेगा और इस तरह से आपका बिज़नेस डूब सकता है.
अपने कस्टमर्स को ही बिज़नेस में लाएं
कई लोग हैं जो सिर्फ लंबे स्तर पर सिर्फ कस्टमर्स बनाने में ही व्यस्त हो जाते हैं और वो बिजनेस को भूल जाते हैं.
तरीका ये है की आपको पहले कस्टमर्स बनाने होंगे, फिर उनको भी मौका देना है 80% लोगों के द्वारा नेटवर्क मार्केटिंग बिजनेस में आने के बाद उसे छोड़ दिया जाता है, इसकी वजह होती है वो इसमें मेहनत नहीं कर रहा है.
कुछ ही लोग नेटवर्क मार्केटिंग बिजनेस को अच्छे से समझ पाते हैं और उनके द्वारा खुद के नियम बनाए जाते हैं अंत में एक ही सलाह देना चाहते है या तो आप नेटवर्किंग न करे और यदि करे तो उसे पुरे दिल और दिमाग से करे उसमे पूरा रम जाएं अगर आप ऐसा नहीं करते है तो आप इस बिज़नेस को गलत ठहराएंगे और लोगो को गलत जानकारी देंगे.
हमें उम्मीद है कि इन तरीकों से आपको आपके नेटवर्क मार्केटिंग के बिजनेस में सफलता जरूर मिलेगी, लेकिन जैसा कि हम आपको हर लेक में बताते हैं कि सफलता के लिए जरूरी है कि आप अपने बिजनेस में कितना ध्यान दे रहे हैं, या फिर आप उसके लिए कितने गंभीर हैं.
जरूरी है कि आप अपने बिजनेस पर ध्यान दें और उसे प्रति सजग रहें और हां दोस्तों आपका बिजनेस तभी सफल हो सकता है, जब आप पूरी मेहनत के साथ इस पर काम करेंगे, तो आज के लिए बस इतना ही.
दोस्तों, आपको हमारी पोस्ट की जानकारी कैसी लगती है हमे कमेंट के जरिये जरूर बताये, ताकि हम आपके लिए और बेहतर कर सके… हमे आपकी reply का इंतेजार रहेगा.
हम आपसे फिर से रूबरू होंगे एक नए विषय के साथ जिसका ताल्लुक आपसे होगा.तब तक के लिए धन्यवाद!
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हममें से अधिकांश लोगों के पास व्यवसाय (Business) से सम्बंधित बड़े बड़े शानदार बिज़नेस आईडिया (Idea) होते है और हम अपना खुद का कारोबार शुरू करने के सपने देखते हैं। लेकिन ज्यादातर लोग असफ़ल होने के डर के कारण कभी भी अपने Ideas को मूर्त रूप नहीं दे पाते| कई लोग नौकरी (Job) छोड़कर अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते है लेकिन पारिवारिक, सामाजिक और वितीय दबाव के कारण स्थापित नौकरी को छोड़कर जोखिमपूर्ण (Risky) व्यवसाय शुरू करने के विचार से ही घबरा जाते है| लेकिन ………….
डर को मिटाने का एक ही तरीका है कि हम वो कार्य अवश्य करें जिसे करने से हमें डर लगता हैं
Journey of Entrepreneurship
किसी भी Business को शुरू करने से लेकर करोड़ों की Company बनाने तक की यात्रा एक बहुत ही कठिन लेकिन अद्भुत सफ़र (Amazing Journey) होता है| इस यात्रा में आपको योजना बनानी होती है, कड़ी मेहनत करनी होती है, मुसीबतों का सामना करना होता है, समस्याओं का हल निकालना होता है, असफलता को स्वीकार करके उससे सीख लेनी होती है| शुरुआत में आपके सामने हजारों मुसीबतें आती है, लोग आपके आईडिया (Idea) पर विश्वास नहीं करते, आप कई बार असफल होते है, कई बार आत्मविश्वास डगमगा जाता है| लेकिन इस यात्रा में आपको हर बार गिरकर फिर से उठना होता है और फिर अचानक एक दिन आपके लिए सफ़लता के द्वार खुल जाते है और आपकी किस्मत बदल जाती है, आप अपने बिज़नेस में इतनी तेजी से सफलता की सीढियाँ चढ़ते है कि आपको स्वंय पर विश्वास नहीं होता|
How to Start A Business
व्यापार कैसे शुरु करें
Business Vision: सबसे पहले यह तय करें कि बिज़नेस क्यों करना चाहते है? आपका व्यवसाय करने का आखिरी लक्ष्य (Vision) क्या है? आप व्यवसाय के द्वारा क्या (What and Why) प्राप्त करना चाहते है और कितने समय (Time) में प्राप्त करना चाहते है| क्या आप करोड़पति बनना चाहते है? क्या आपके व्यवसाय करने का अंतिम उद्देश्य अपने बिज़नेस के द्वारा लोगों की मदद करना है??
Business Type: अब तय करें कि आप कौनसा बिज़नेस करना चाहते है? आप कौनसा प्रोडक्ट (Product) बनाएंगे या कौनसी सर्विसेज (Services) प्रदान करेंगे? क्या आप अपनी हॉबी को व्यवसाय का रूप देना चाहतें है या फिर कुछ ऐसा करना चाहते है जिस क्षेत्र में आपको अच्छा अनुभव (Experience) है? आपका Business Idea क्या है? आपका प्रोडक्ट क्या होगा? आपके कस्टमर कौन होंगे?
Business Strategy: अब तय करें की आपकी बिज़नेस स्ट्रेटेजी (Business Strategy) क्या है? आप कैसे अपने व्यवसाय में सबसे अच्छे उत्पाद बनाएंगे या सेवाएं प्रदान करेंगे? कैसे आपका बिज़नेस आइडिया दूसरों से अलग (Unique) है और आपके बिज़नेस आईडिया में ऐसी क्या खास बात है कि आपका बिज़नेस, पूरे मार्केट को बदल सकता है? आप कैसे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ेंगे? आप किन-किन तरीकों से अपने व्यवसाय से पैसे कमा सकेंगे (Business Models)?
Business Location: आप व्यवसाय कहाँ से करेंगे? क्या आप अपने घर से शुरुआत करेंगे या अपने व्यवसाय के लिए अलग से जगह लेंगे? आपके बिज़नेस के लिए कौनसी जगह सबसे अच्छी रहेगी?
Finance: आपको अपने व्यवसाय को शुरू करने के लिए शुरुआत में कितने रूपयों की जरूरत होगी और निरंतर रूप से व्यवसाय को चलाने के लिए कितने रूपयों की जरूरत होगी? आपका व्यवसाय कितने समय बात लाभ देना शुरू कर देगा? अपने रूपयों की जरूरतों को इस प्रकार विभाजित किया जा सकता है : – सम्पति (Assets)– आपको अपने व्यवसाय के लिए कौन-कौन सी सम्पतियों की जरूरत पड़ेगी जैसे भवन, जमीन, मशीनरी, फर्नीचर, वाहन आदि और आप इन सम्पतियों का इंतजाम कैसे करेंगे (खरीदेंगे या किराये पर लेंगे)? इन सम्पतियों के लिए कितने रूपयों की आवश्यकता होगी? खर्चे (Expenditure) – आपके व्यवसाय को निरंतर रूप से चलाने के लिए कौन कौन से खर्चें होंगे जैसे – कर्मचारियों की सैलरी, रखरखाव के खर्चे, किराया, विभिन्न प्रकार के कंसलटेंट की फीस आदि|
पढ़े- लोन कैसे प्राप्त करें
Market Research:अपने व्यवसाय के मार्केट और इंडस्ट्री (Industry) का रिसर्च कीजिए| आप विभिन्न तरीकों से रिसर्च कर सकते है – इन्टरनेट से जानकारी जुटाकर, बड़े-बड़े व्यवसाइयों से संपर्क करके, मार्केट के जानकारों से मिलकर या ई मेल करके, मार्केट की बड़ी-बड़ी कंपनियों की रिपोर्ट पढ़कर आदि| मार्केट का रिसर्च करके यह पता लगाइए कि डिमांड और सप्लाई क्या है? सबसे ज्यादा कौनसा प्रोडक्ट बिक रहा है और क्यों? प्रोडक्ट में ऐसी कौनसी कमियां है जिसे अपने प्रोडक्ट में दूर करके मार्केट लीडर बना जा सकता है?
Business Structure: आपका बिज़नेस स्ट्रक्चर कैसे रहेगा? आप व्यवसाय कैसे शुरू करना चाहते है – एक कंपनी (Company) से शुरुआत करना चाहते है या फिर एक पार्टनरशिप फर्म (Partnership Firm) या फिर एकल व्यवसाय के रूप? बिज़नेस का स्ट्रक्चर वितीय स्त्रोतों को ध्यान में रखकर चुना जाता है|
Business Plan: अब अपना लिखित बिज़नेस प्लान बनाएं और इसमें अपने व्यवसाय से सम्बंधित सभी बातों को शामिल करें| आप बिज़नेस प्लान के लिए किसी प्रोफेशनल कंसलटेंट की मदद ले सकते है|
Funding Options: अपने व्यवसाय की वितीय जरूरतों को पूरा करने स्त्रोतों का विश्लेषण करें| आपकी वितीय जरूरतें कैसे पूरी होंगी? क्या आप बैंक से लोन लेंगे, रिश्तेदारों और दोस्तों से लोन लेंगे या फिर खुद के पैसे से ही व्यवसाय शुरू करेंगे? आजकल स्टार्टअप फंडिंग के कई सारे नए नए स्त्रोत उपलब्ध है जैसे एंजेल इन्वेस्टर्स, वेंचर कैपिटल फण्ड, क्राउड-फंडिंग आदि| वितीय स्त्रोतों का चुनाव कर लेने के बाद फंडिंग या लोन के लिए आवेदन करें और फंडिंग की प्रक्रिया को समझें| फंडिंग से सम्बंधित सभी डाक्यूमेंट्स और बिज़नेस प्लान का इंतजाम करें|
Start Your Business: वितीय जरूरतों का इंतजाम करने के बाद अपने व्यवसाय को शुरू करने की और कदम बढ़ाएं| धीरे धीरे अपने व्यवसाय के लिए सभी संसाधनों का इंतजाम करें – कर्मचारियों की नियुक्ति, सम्पतियों की खरीद, प्रोडक्शन से सम्बंधित सभी संसाधनों का इंतजाम आदि| बिजनेस के लिए जब पूरी प्लानिंग हो जाती है और आपके पास पूंजी भी, तो इसके बाद अहम चरण होता है, बिजनेस प्लान को व्यवहार में लाना। इस दौरान सेलिंग और कस्टमर सर्विस आदि नए उद्यमी के लिए एसिड टेस्ट की तरह होता है। इस दौरान आपको अपना शत-प्रतिशत कौशल दिखाना होगा, ताकि आप अपने सर्विस के प्रति लोगों में भरोसा कायम कर सकें। तभी आप अपनी सफलता की कहानी शुरू कर सकते हैं।
Brand and Marketing: अब तय करें कि आप कब से अपना व्यवसाय शुरू कर रहे है और उसके लिए आप अपने ब्रांड की मार्केटिंग कैसे करेंगे? क्या आप विज्ञापन के द्वारा अपने व्यवसाय की मार्केटिंग करेंगे या फिर इन्टरनेट का उपयोग करेंगे?
Technology: टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें और अपनी ऑनलाइन मार्केटिंग (Online Marketing) करें| सोशल मीडिया (Facebook, Tweeter etc) पर अपने बिज़नेस के बारे में लोगों को बताएं और विश्लेषण करें कि कैसे इन्टरनेट और टेक्नोलॉजी की मदद से व्यवसाय को तेजी से सफलता की ओर आगे बढ़ाएंगे|
USP: अब आप एक तरह से अपना बिज़नेस शुरू कर चुके है| अब आपको लगातार मेहनत करनी है और अपने व्यवसाय को सफल बनाने (Business Success) के लिए नए नए तरीके ढूढ़ने है|धीरे धीरे अनुभव के आधार पर अपनी USP (unique value proposition) का निर्माण करें| यानि कि ऐसी क्या बात है जो आपको दूसरों से अलग बनाती है|
Leadership: अपने व्यवसाय को निरंतर रूप से आगे बढ़ाते रहें और एक लीडर की तरह अपनी टीम का नेतृत्व करें| अपनी कर्मचारियों को कर्मचारी न समझकर अपने पार्टनर
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औरत , विज्ञापन और बाजार
अदिति शर्मा
केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण, बैंगलोर पीठ में हिंदी अनुवादक संपर्क-ई-मेल : aditisharmamystery@gmail.comअदिति शर्मा
स्त्री मुक्ति चेतना व स्त्रीवादी दृष्टिकोण पर बहुत कुछ लिखा जा चुका है और बहुत कुछ लिखा जा रहा है, किन्तु बुनियादी सवाल अभी तक क़ायम हैं। सूक्ष्म रेशे से अटके इन सवालों की सामाजिक सन्दर्भों में बारीकी से की गयी जाँच-पड़ताल ही नारी अस्मिता की खोज कर सकती है। वर्तमान समय में जब स्त्रियाँ घरों की चारदीवारी से बाहर निकलकर संघर्षरत हैं, नियमों, मर्यादाओं और वर्जनाओं से अपने स्त्रीत्व व अस्मिता की टकराहट को अपने अनुभवों से महसूस रही हैं तब ये अनुभव उन्हें झकझोरते हैं और एहसास कराते हैं उस जकड़नावस्था का जिसमें वे फँसी हैं। जहाँ उनके चुनाव और निर्णय लेने के अधिकार को हिक़ारत की नज़र से देखा जाता है। यदि स्त्री को मनुष्य ही ना समझा जा रहा हो तो उसके वरण की स्वतंत्रता का सम्मान भी संभव नहीं। यहीं से समानता की अवधारणा का प्रारम्भ होता है और यहीं से उन सभी प्रश्नों के उत्तर ढूँढने का प्रयास शुरू होता है जो इस समाज ने खड़े किये हैं।
बीसवीं सदी तक आते-आते स्त्रियों ने अपने कदम उन क्षेत्रों की ओर बढ़ा दिए थे जहाँ अभी तक केवल पुरुषों का एकाधिकार था। स्त्रियाँ स्वयं को सक्षम सिद्ध कर रही थी किन्तु उपभोक्तावादी संस्कृति तथा विज्ञापन-व्यवसाय ने उसे एक अलग ही छवि में प्रस्तुत करना चाहा। विज्ञापनों में अधिकांशतः स्त्रियों की दो तरह की छवियाँ परोसी जाती है, पहली में सुबह से दौड़ती-भागती पति को ऑफिस और बच्चों को स्कूल भेजती स्त्री जो 5 रुपये के साबुन से बर्तन चमकाती है 3 रुपये सस्ते डिटर्जेंट से पति की पीली पड़ गयी कमीज़ को चकाचक सफ़ेद कर देती है और कमर दर्द होने पर शिकायत भी नहीं करती (वो तो भला हो उस 'महापुरुष'का जो 'मूव' या 'आयोडेक्स' लगाकर उसे दर्दमुक्त कर देता है) फिर श्रृंगार कर 'आशीर्वाद आटा' 'बासमती चावल' और 'एम डी एच मसालों' से पति का मनपसंद खाना बनाकर शाम को उसका इंतज़ार करती है। दूसरी छवि एकदम भिन्न है जहाँ स्त्री मोटर बाइक पर सवार या डीयोड्रेट लगाते यहाँ तक कि टूथपेस्ट करते और दाढ़ी बनाते पुरुष को देखकर भी कामुक हो जाती है।
अब विचारणीय यह है कि जिस स्त्री को ये मीडिया प्रस्तुत कर रहा है वह वास्तव में उपभोक्ता है या उपभोग्य ! अपने स्त्रीत्व और अस्मिता से जुड़े सवालों से हर दिन जूझती स्त्री को लम्बे संघर्ष के बाद जो थोड़ी सी आज़ादी मिली है उसके प्रति और भी सतर्क होने की जरूरत है। इस पूरी बाज़ारवादी संस्कृति को संचालित करने वाली षड्यंत्रकारी पुरुषसत्ता के इरादों को समझना होगा। यह भी ध्यातव्य है कि यह वही पुरुषवादी मानसिकता है जिसने सदियों तक स्त्रियों को 'पर्दे' में रखा और अपनी सुविधा के लिए 'पर्दे'पर ले आई। स्त्री पात्रों की भूमिका पुरुषों द्वारा निभाई जाती थी क्योंकि उस समय स्त्रियों के लिए अभिनय, संगीत, नृत्य व कला से जुड़ना लज्जा का विषय था। फिर क्या कारण रहे कि उसी स्त्री को 'प्रोडक्ट' की तरह पेश करते हुए विचार नहीं किया गया। संभवतः यहाँ सारा खेल धन और बाज़ार की ताक़त का है।
विज्ञापन संस्कृति में पुरुष मानसिकता और स्त्री की बदलती मानसिकता के विषय में प्रभा खेतान लिखती है, ‘.....पृष्ठभूमि में व्यापक स्तर पर स्त्री-देह का, उसके कपडों एवं सौंदर्य प्रसाधन का विज्ञापन इस पूर्वानुमति तथ्य पर आधारित है कि वास्तव जगत् की स्त्री देह में ही कोई कमी है, इसलिए इन प्रसाधनों, कपडों एवं डाइटिंग से इसे भोग के अनुकूल बनाया जाना चाहिए।
चूंकि दुनिया और समाज में , पुरुष की नजरों में वह सुन्दर लगे, यह जरूरी माना जाता है। यहां स्त्री व्यक्ति के रूप में भी बार-बार अदृश्य पितृ-सत्तात्मकता के प्रभाव में दूसरे व्यक्ति के संदर्भ में स्वयं को प्रस्तुत करती है। इसमें शायद कुछ सच्चाई और तथ्य भी है, कारण, स्त्री जानती है कि आधी लडाई, वह अपनी देह के स्तर पर जीत ही जाएगी....।’ (उपनिवेश में स्त्री)
नई व आधुनिक स्त्री की जो परिभाषा मीडिया गढ़ रहा है वह वास्तव में भ्रमित करती है,उसी का परिणाम है कि आज स्त्रीविषयक समस्याएँ तो बढती जा रही हैं किन्तु उनका सुनिश्चित समाधान नहीं मिल पा रहा है। मीडिया वर्तमान में एक ऐसे सशक्त माध्यम के रूप में उभरकर सामने आया है जो युवा पीढ़ी में जीवन मूल्यों, आदर्शों एवं नैतिक गुणों को गहराई से प्रभावित कर रहा है। उसके पास ऐसी ताकत है जो समाज में व्याप्त बुराइयों और कुरीतियों को नकारात्मक परिणाम के साथ प्रस्तुत कर सजगता बनाए रख सकता है। किन्तु स्थिति यह है कि मीडिया ख़ालिस बाज़ारवाद के रंग में रंगा हुआ है और यह समझ पाना कठिन हो गया है कि यदि मीडिया बाज़ार है तो विचारणीय है कि बेचा क्या जा रहा है।
मीडिया व स्त्री-समाज दोनों को अपनी ज़िम्मेदारी समझनी होगी। सतर्क होना होगा कि यदि स्त्री इस चमक-दमक व उपभोक्तावादी संस्कृति में खो गई तो नारी-मुक्ति स्वप्न अधूरा ही रह जाएगा। उसे तय करना होगा कि वह वस्तु या उत्पाद बने रहना चाहती है या सृजनशील मनुष्य ! यही निर्णय उसका भविष्य तय करेगा।
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नेटवर्क मार्केटिंग
इस दुनिया में बहुत सारे लोग अपना business शुरू करना चाहते है अपना काम करना चाहते है किन्तु बहुत लोगो के सामने एक समस्या आती है वो है जरुरत के अनुसार पैसे का ना होना, किन्तु आज का हमारा विषय है Network Marketing में बिज़नेस कैसे करे इसके लिए बहुत ज्यादा पैसो की आवश्यकता नहीं होती है.
नमस्कार दोस्तों, कैसे हैं आप? हमें उम्मीद है कि आप सब अच्छे से होंगे Success In Hindi में आपका स्वागत है, हमेशा की तरह हम आपके लिए एक और विषय लेकर आए हैं, जो सीधा आपसे जुड़ा है,
आज हम आपको बताएंगे कि आप मार्केटिंग में अपना व्यापार कैसे शुरू करें.
Networking Marketing – नेटवर्क मार्केटिंग का एकमात्र ऐसा बिजनेस है जो कम लागत से शुरू होता है, जिसके लिए ना तो कोई लंबा सेट-अप लगाने की जरूरत होती है इसके साथ ही इस बिजनेस मे समय की कोई पाबंदी नही होती है.
तो आइए जानते हैं उन तरीकों के बारे में जो आपके लिए इस बिजनेस को शुरू करने में सहायक होंगे-
Website वेबसाइट बनाएं
नेटवर्क मार्केटिंग के बिजनेस को बढ़ाने के लिए सबसे पहले एक वेबसाइट तैयार करें जिसमें अपनी कंपनी की हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी जानकारी अपलोड करें, जरूरी है कि आप समय-समय पर प्रोग्राम आयोजित करते रहें, जिसे अपनी वेबसाइट मे अपलोड करें.
इसके अलावा सोशल नेटवर्किंग साइटों का भी इस्तेमाल कर सकतें है, और यूट्युब पर भी आयोजित किए गए प्रोग्राम की वीडियो बनाकर डाल सकतें हैं.
इन सब तरीके से आपको अपने काम की सारी जानकारी तो रहेगी ही, साथ ही आपके लिए इस बिजनेस को करने में और लोगो तक अपना message देने में आसानी भी होगी.
अपने प्रोडक्ट की कीमत तय करें
Networking Marketing बिजनेस के लिए जरूरी है कि आप सबसे पहले जो प्रोडक्ट अपनी कंपनी में शामिल किया है, उसके लिए सबसे पहले अपने उस प्रोडक्ट का खुदरा मुल्य निर्धारित करें आपको मार्किट किस रेट पर sell करना है.
इसके साथ ही अपना कमीशन भी वाजिद रखें इसके अलावा नेटवर्क मार्केटिंग मे स्थान बनाएं रखने के लिए जरूरी विज्ञापन तैयार करने की क्योंकि विज्ञापन ही एक ऐसा माध्यम है जिसे आपके प्रोडक्ट को अच्छा प्रमोशन मिल सकता है.
पहले अपना प्रोडक्ट खुद इस्तेमाल करें
एक सफल नेटवर्क मार्केटर के लिए यह जरूरी है कि सबसे पहले वो खुद प्रोडक्ट को इस्तेमाल करें और उस प्रोडक्ट के प्रति उसके विचार एक समान होना चाहिए.
पने प्रोडक्ट को इस्तेमाल करें, उसको समझे इसके बिना आप नेटवर्क मार्केटिंग के इस बिजनेस में सफल नहीं हो सकते हैं, मान लीजिए की आपने किसी प्रोडक्ट को किसी कस्टमर को दिखाया, तो समझे लें कि वो कस्टमर उस प्रोडक्ट के बारे में आपसे पूछेगा कि आपने भी इसको इस्तेमाल किया है ना?
अगर आप कहेंगे नहीं तो आपका कस्टमर समझ जाएगा कि जब आप ही इसको इस्तेमाल नहीं कर रहे तो फिर में क्यों करूं, वो एक अच्छे प्रोडक्ट को गलत समझ लेगा और आपसे वो प्रोडक्ट नहीं लेगा और इस तरह से आपका बिज़नेस डूब सकता है.
अपने कस्टमर्स को ही बिज़नेस में लाएं
कई लोग हैं जो सिर्फ लंबे स्तर पर सिर्फ कस्टमर्स बनाने में ही व्यस्त हो जाते हैं और वो बिजनेस को भूल जाते हैं.
तरीका ये है की आपको पहले कस्टमर्स बनाने होंगे, फिर उनको भी मौका देना है 80% लोगों के द्वारा नेटवर्क मार्केटिंग बिजनेस में आने के बाद उसे छोड़ दिया जाता है, इसकी वजह होती है वो इसमें मेहनत नहीं कर रहा है.
कुछ ही लोग नेटवर्क मार्केटिंग बिजनेस को अच्छे से समझ पाते हैं और उनके द्वारा खुद के नियम बनाए जाते हैं अंत में एक ही सलाह देना चाहते है या तो आप नेटवर्किंग न करे और यदि करे तो उसे पुरे दिल और दिमाग से करे उसमे पूरा रम जाएं अगर आप ऐसा नहीं करते है तो आप इस बिज़नेस को गलत ठहराएंगे और लोगो को गलत जानकारी देंगे.
हमें उम्मीद है कि इन तरीकों से आपको आपके नेटवर्क मार्केटिंग के बिजनेस में सफलता जरूर मिलेगी, लेकिन जैसा कि हम आपको हर लेक में बताते हैं कि सफलता के लिए जरूरी है कि आप अपने बिजनेस में कितना ध्यान दे रहे हैं, या फिर आप उसके लिए कितने गंभीर हैं.
जरूरी है कि आप अपने बिजनेस पर ध्यान दें और उसे प्रति सजग रहें और हां दोस्तों आपका बिजनेस तभी सफल हो सकता है, जब आप पूरी मेहनत के साथ इस पर काम करेंगे, तो आज के लिए बस इतना ही.
दोस्तों, आपको हमारी पोस्ट की जानकारी कैसी लगती है हमे कमेंट के जरिये जरूर बताये, ताकि हम आपके लिए और बेहतर कर सके… हमे आपकी reply का इंतेजार रहेगा.
हम आपसे फिर से रूबरू होंगे एक नए विषय के साथ जिसका ताल्लुक आपसे होगा.तब तक के लिए धन्यवाद!
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अपना व्यवसाय कैसे प्रारम्भ करें
हममें से अधिकांश लोगों के पास व्यवसाय (Business) से सम्बंधित बड़े बड़े शानदार बिज़नेस आईडिया (Idea) होते है और हम अपना खुद का कारोबार शुरू करने के सपने देखते हैं। लेकिन ज्यादातर लोग असफ़ल होने के डर के कारण कभी भी अपने Ideas को मूर्त रूप नहीं दे पाते| कई लोग नौकरी (Job) छोड़कर अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते है लेकिन पारिवारिक, सामाजिक और वितीय दबाव के कारण स्थापित नौकरी को छोड़कर जोखिमपूर्ण (Risky) व्यवसाय शुरू करने के विचार से ही घबरा जाते है| लेकिन ………….
डर को मिटाने का एक ही तरीका है कि हम वो कार्य अवश्य करें जिसे करने से हमें डर लगता हैं
Journey of Entrepreneurship
किसी भी Business को शुरू करने से लेकर करोड़ों की Company बनाने तक की यात्रा एक बहुत ही कठिन लेकिन अद्भुत सफ़र (Amazing Journey) होता है| इस यात्रा में आपको योजना बनानी होती है, कड़ी मेहनत करनी होती है, मुसीबतों का सामना करना होता है, समस्याओं का हल निकालना होता है, असफलता को स्वीकार करके उससे सीख लेनी होती है| शुरुआत में आपके सामने हजारों मुसीबतें आती है, लोग आपके आईडिया (Idea) पर विश्वास नहीं करते, आप कई बार असफल होते है, कई बार आत्मविश्वास डगमगा जाता है| लेकिन इस यात्रा में आपको हर बार गिरकर फिर से उठना होता है और फिर अचानक एक दिन आपके लिए सफ़लता के द्वार खुल जाते है और आपकी किस्मत बदल जाती है, आप अपने बिज़नेस में इतनी तेजी से सफलता की सीढियाँ चढ़ते है कि आपको स्वंय पर विश्वास नहीं होता|
How to Start A Business
व्यापार कैसे शुरु करें
Business Vision: सबसे पहले यह तय करें कि बिज़नेस क्यों करना चाहते है? आपका व्यवसाय करने का आखिरी लक्ष्य (Vision) क्या है? आप व्यवसाय के द्वारा क्या (What and Why) प्राप्त करना चाहते है और कितने समय (Time) में प्राप्त करना चाहते है| क्या आप करोड़पति बनना चाहते है? क्या आपके व्यवसाय करने का अंतिम उद्देश्य अपने बिज़नेस के द्वारा लोगों की मदद करना है??
Business Type: अब तय करें कि आप कौनसा बिज़नेस करना चाहते है? आप कौनसा प्रोडक्ट (Product) बनाएंगे या कौनसी सर्विसेज (Services) प्रदान करेंगे? क्या आप अपनी हॉबी को व्यवसाय का रूप देना चाहतें है या फिर कुछ ऐसा करना चाहते है जिस क्षेत्र में आपको अच्छा अनुभव (Experience) है? आपका Business Idea क्या है? आपका प्रोडक्ट क्या होगा? आपके कस्टमर कौन होंगे?
Business Strategy: अब तय करें की आपकी बिज़नेस स्ट्रेटेजी (Business Strategy) क्या है? आप कैसे अपने व्यवसाय में सबसे अच्छे उत्पाद बनाएंगे या सेवाएं प्रदान करेंगे? कैसे आपका बिज़नेस आइडिया दूसरों से अलग (Unique) है और आपके बिज़नेस आईडिया में ऐसी क्या खास बात है कि आपका बिज़नेस, पूरे मार्केट को बदल सकता है? आप कैसे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ेंगे? आप किन-किन तरीकों से अपने व्यवसाय से पैसे कमा सकेंगे (Business Models)?
Business Location: आप व्यवसाय कहाँ से करेंगे? क्या आप अपने घर से शुरुआत करेंगे या अपने व्यवसाय के लिए अलग से जगह लेंगे? आपके बिज़नेस के लिए कौनसी जगह सबसे अच्छी रहेगी?
Finance: आपको अपने व्यवसाय को शुरू करने के लिए शुरुआत में कितने रूपयों की जरूरत होगी और निरंतर रूप से व्यवसाय को चलाने के लिए कितने रूपयों की जरूरत होगी? आपका व्यवसाय कितने समय बात लाभ देना शुरू कर देगा? अपने रूपयों की जरूरतों को इस प्रकार विभाजित किया जा सकता है : – सम्पति (Assets)– आपको अपने व्यवसाय के लिए कौन-कौन सी सम्पतियों की जरूरत पड़ेगी जैसे भवन, जमीन, मशीनरी, फर्नीचर, वाहन आदि और आप इन सम्पतियों का इंतजाम कैसे करेंगे (खरीदेंगे या किराये पर लेंगे)? इन सम्पतियों के लिए कितने रूपयों की आवश्यकता होगी? खर्चे (Expenditure) – आपके व्यवसाय को निरंतर रूप से चलाने के लिए कौन कौन से खर्चें होंगे जैसे – कर्मचारियों की सैलरी, रखरखाव के खर्चे, किराया, विभिन्न प्रकार के कंसलटेंट की फीस आदि|
पढ़े- लोन कैसे प्राप्त करें
Market Research:अपने व्यवसाय के मार्केट और इंडस्ट्री (Industry) का रिसर्च कीजिए| आप विभिन्न तरीकों से रिसर्च कर सकते है – इन्टरनेट से जानकारी जुटाकर, बड़े-बड़े व्यवसाइयों से संपर्क करके, मार्केट के जानकारों से मिलकर या ई मेल करके, मार्केट की बड़ी-बड़ी कंपनियों की रिपोर्ट पढ़कर आदि| मार्केट का रिसर्च करके यह पता लगाइए कि डिमांड और सप्लाई क्या है? सबसे ज्यादा कौनसा प्रोडक्ट बिक रहा है और क्यों? प्रोडक्ट में ऐसी कौनसी कमियां है जिसे अपने प्रोडक्ट में दूर करके मार्केट लीडर बना जा सकता है?
Business Structure: आपका बिज़नेस स्ट्रक्चर कैसे रहेगा? आप व्यवसाय कैसे शुरू करना चाहते है – एक कंपनी (Company) से शुरुआत करना चाहते है या फिर एक पार्टनरशिप फर्म (Partnership Firm) या फिर एकल व्यवसाय के रूप? बिज़नेस का स्ट्रक्चर वितीय स्त्रोतों को ध्यान में रखकर चुना जाता है|
Business Plan: अब अपना लिखित बिज़नेस प्लान बनाएं और इसमें अपने व्यवसाय से सम्बंधित सभी बातों को शामिल करें| आप बिज़नेस प्लान के लिए किसी प्रोफेशनल कंसलटेंट की मदद ले सकते है|
Funding Options: अपने व्यवसाय की वितीय जरूरतों को पूरा करने स्त्रोतों का विश्लेषण करें| आपकी वितीय जरूरतें कैसे पूरी होंगी? क्या आप बैंक से लोन लेंगे, रिश्तेदारों और दोस्तों से लोन लेंगे या फिर खुद के पैसे से ही व्यवसाय शुरू करेंगे? आजकल स्टार्टअप फंडिंग के कई सारे नए नए स्त्रोत उपलब्ध है जैसे एंजेल इन्वेस्टर्स, वेंचर कैपिटल फण्ड, क्राउड-फंडिंग आदि| वितीय स्त्रोतों का चुनाव कर लेने के बाद फंडिंग या लोन के लिए आवेदन करें और फंडिंग की प्रक्रिया को समझें| फंडिंग से सम्बंधित सभी डाक्यूमेंट्स और बिज़नेस प्लान का इंतजाम करें|
Start Your Business: वितीय जरूरतों का इंतजाम करने के बाद अपने व्यवसाय को शुरू करने की और कदम बढ़ाएं| धीरे धीरे अपने व्यवसाय के लिए सभी संसाधनों का इंतजाम करें – कर्मचारियों की नियुक्ति, सम्पतियों की खरीद, प्रोडक्शन से सम्बंधित सभी संसाधनों का इंतजाम आदि| बिजनेस के लिए जब पूरी प्लानिंग हो जाती है और आपके पास पूंजी भी, तो इसके बाद अहम चरण होता है, बिजनेस प्लान को व्यवहार में लाना। इस दौरान सेलिंग और कस्टमर सर्विस आदि नए उद्यमी के लिए एसिड टेस्ट की तरह होता है। इस दौरान आपको अपना शत-प्रतिशत कौशल दिखाना होगा, ताकि आप अपने सर्विस के प्रति लोगों में भरोसा कायम कर सकें। तभी आप अपनी सफलता की कहानी शुरू कर सकते हैं।
Brand and Marketing: अब तय करें कि आप कब से अपना व्यवसाय शुरू कर रहे है और उसके लिए आप अपने ब्रांड की मार्केटिंग कैसे करेंगे? क्या आप विज्ञापन के द्वारा अपने व्यवसाय की मार्केटिंग करेंगे या फिर इन्टरनेट का उपयोग करेंगे?
Technology: टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें और अपनी ऑनलाइन मार्केटिंग (Online Marketing) करें| सोशल मीडिया (Facebook, Tweeter etc) पर अपने बिज़नेस के बारे में लोगों को बताएं और विश्लेषण करें कि कैसे इन्टरनेट और टेक्नोलॉजी की मदद से व्यवसाय को तेजी से सफलता की ओर आगे बढ़ाएंगे|
USP: अब आप एक तरह से अपना बिज़नेस शुरू कर चुके है| अब आपको लगातार मेहनत करनी है और अपने व्यवसाय को सफल बनाने (Business Success) के लिए नए नए तरीके ढूढ़ने है|धीरे धीरे अनुभव के आधार पर अपनी USP (unique value proposition) का निर्माण करें| यानि कि ऐसी क्या बात है जो आपको दूसरों से अलग बनाती है|
Leadership: अपने व्यवसाय को निरंतर रूप से आगे बढ़ाते रहें और एक लीडर की तरह अपनी टीम का नेतृत्व करें| अपनी कर्मचारियों को कर्मचारी न समझकर अपने पार्टनर
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