मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद शिक्षामित्रों ने राजधानी में चल रहा अपना आंदोलन तीसरे दिन वापस ले लिया। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार उनके मामले में गंभीरता से विचार कर रही है, इसलिए आंदोलन करने का कोई औचित्य नहीं बनता। इस पर शिक्षामित्रों के सभी संगठन आंदोलन स्थगित करने पर सहमत हो गए। साथ ही मुलाकात के बाद एनेक्सी से बाहर निकलकर सभी संगठनों के नेताओं ने कहा कि तीन दिन में सकारात्मक निर्णय न होने पर वे परिवार सहित राजधानी में धरना देंगे। इसके लिए पूरी तरह से सरकार जिम्मेदार होगी।
शिक्षामित्रों ने बुधवार को आंदोलन के तीसरे दिन भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात नहीं होने पर सामूहिक गिरफ्तारियां देकर जेल भरो आंदोलन की घोषणा की थी। पुलिस की ओर से शिक्षामित्रों की सामूहिक गिरफ्तारी के लिए तैयारी की गई। लक्ष्मण मेला मैदान से लेकर 1090 चौराहा तक बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। उन्हें गिरफ्तार कर ले जाने के लिए सौ से अधिक बसों का इंतजाम भी किया गया।
लेकिन, दोपहर 2 बजे शिक्षामित्रों के प्रमुख संगठनों के नेताओं के आग्रह पर उन्हें मुख्यमंत्री से बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया। मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय मिलने के बाद शिक्षामित्रों ने गिरफ्तारी देने का मामला स्थगित कर दिया। शाम 4.40 बजे गाजी इमाम आला, दीनानाथ दीक्षित, जितेन्द्र शाही, रीना सिंह, शिवप्रसाद शुक्ल, जावेद और अवनीश कुमारसहित छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से एनेक्सी में मुख्यमंत्री मुलाकात हुई।
करीब 1.20 मिनट तक चली बातचीत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार से वार्ता के बावजूद राजधानी में धरना प्रदर्शन करने पर नाराजगी जाहिर की।
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