नमस्कार मित्रों!
आज के दौर में जब इंसान अपने जीवन में तमाम परेशानियों का शिकार है और जीवन में सुख और शांति पाना चाहता है। दोस्तों! हमने तरक्की तो बहुत कर ली परन्तु आज भी हर चीज हमारे नियंत्रण में नही है।हम मेहनत तो बहुत करते है परन्तु सबको एक जैसा फल नहीं मिलता, कोई बीमार है, कोई आर्थिक तंगी का शिकार है, किसी की शादी नही हो रही और किसी को नौकरी नही मिल रही तो कोई व्यापर में घाटा उठा रहा है, कोई पाप करता है और फिर भी मजे से जिन्दगी काटता है और कोई बहुत शुभ कर्म करता है तब भी कष्ट उठा रहा है, वैसे तो आजकल भाग्य और ज्योतिष को निरर्थक और अनपढ़ लोगो की विद्या समझ कर नकार दिया जाता है लेकिन जब हम अभी कही गयी बातो का लगातार शिकार होते है तब हमे लगता है कि इस संसार में भाग्य नाम की एक चीज भी है।
इसी भाग्य पर बात करता है हमारा ज्योतिष। मित्रों ! तुलसीदास जी ने कहा है
" कर्म प्रधान विश्व रची राखा।"
मतलब कि ये संसार कर्म आधारित है । अर्थात अच्छे कर्म करोगे तो अच्छा फल और बुरे कर्म का फल बुरा होता है। हमारा भाग्य भी हमारे कर्मों से मिलकर बना है। पिछले जन्म के संस्कार हमारे इस जन्म के भाग्य बनाते है। तो आप समझे कि भाग्य क्या है।
दोस्तों! हमारे प्राचीन ऋषियों ने ज्योतिष का विकास इसलिए किया ताकि हम अपने भविष्य के बारे में जान सके और अपने समय का सदुपयोग कर अपने कर्मो को समय रहते सुधार कर सकें।
कई लोगों के मन में अवधारणा है कि ये तारे और नक्षत्र हमारे भाग्य का निर्धारण कैसे कर सकते है? मैं उन लोगों से सहमत हूँ कि हाँ तारे और नक्षत्र हमारे भाग्य का निर्धारण नहीं कर सकते है, क्यूंकि ये निर्धारक नहीं संकेतक हैं। आप सोचिये कि अगर आसमान में बदल दिख रहें है तो मैं कहूँगा कि बारिश होने वाली है, अगर गर्मी के मौसम में गरमी बहुत बढ़ जाती है तो हम लोग कह देते है कि आज आंधी आएगी। जब कहीं भूकंप आता है तो वहां के पशु पक्षियों में बहुत ही बेचैनी देखी जाती है। लेकिन जब हम ये सब बातें बोल रहे होते है तो हम अन्धविश्वासी नहीं होते हैं लेकिन अगर कोई व्यक्ति ज्योतिष के आधार पर कुछ कहता है तो फिर ये अन्धविश्वास कैसे? ये भी एक विज्ञान है जिसे हमारे ऋषि मुनियों ने संसार के कल्याण के लिए संसार को दिया।
ज्योतिष में हम लोग नक्षत्र और तारों की गति के आधार पर भविष्यवाणी करते हैं। हमे जो तारा मंडल प्रथिवी से लगातार दिखाई देते हैं हमने उनको अपना आधार मान लिया। इन तारा मंडलों को बारह राशियों में विभाजित कर लिया जो कि है -
1. मेष Aries
2. वृष Tauras
3. मिथुन gemini
4. कर्क cancer
5 .सिंह leo
6. कन्या virgo
7. तुला libra
8. वृश्चिक scorpio
9. धनु sagittarius
10. मकर capricorn
11. कुम्भ Aquarius
12. मीन pieces
इसके बाद हमने ग्रह देखे जो कि हमारे काफी पास है और इन सब राशियों पर भ्रमण करते प्रतीत होते हैं।
इनके नाम है
सूर्य, चन्द्र, मंगल , बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि
दो छाया ग्रह- राहू और केतु
हम इन्ही के गति के आधार पर भविष्य कथन करेंगे।
मैं आपको ज्योतिष का पूरा ज्ञान दूंगा और आपको इस लायक बना दूंगा कि आप किसी भी व्यक्ति का भाग्य बता सकेंगे आगे की जानकारी अगले लेख में दूंगा और you tube पर आपको विडियो भी देखने को मिलेंगे। तो हमारे साथ जुड़े रहिये। अगर आपको ये लेख अच्छा लगा हो तो कृपया कमेंट कर अपनी राय अवश्य दें।
Really it is vry nice and customized to the best use of astrologers and common men.
ReplyDeleteIf anybody thinks that planets are behind the event in one's life then he is in the grip of blindfaith. He should immediately join group https://www.facebook.com/groups/sanatjain/ to find that how entire astrology is bogus and how every astrologer is just befooling.
ReplyDeleteआप तो अपने लेख के पहले बिन्दु पर ही चर्चा नहीं कर पा रहे है - क्योंकि आपने कभी ज्योतिषियों की कही जा रही बेसिरपैर की बातो पर विचार ही नहीं किया और समाज को भी इस अन्धविश्वास में धकेलने के लिए लेख लिखना शुरू कर दिया - क्या आपने कभी सोचा है की आप कितने पाप के भागी बन रहे है -
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