कुंडली कैसे देखें? भाग 3
दोस्तों!
पिछले पोस्ट में हमने देखा कि प्रत्येक भाव का क्या काम है अब हम देखेंगे कि प्रत्येक राशि का स्वामी कौन ग्रह होता है।
१२ राशियों के नाम एवम उनके स्वामी की जानकारी निम्न है ---
मेष का स्वामी = मंगल ,
वृष का स्वामी = शुक्र ,
मिथुन का स्वामी = बुध ,
कर्क का स्वामी = चन्द्रमा ,
सिंह का स्वामी = सूर्य ,
कन्या का स्वामी -= बुध ,
तुला राशी का स्वामी = शुक्र,
वृश्चिक का स्वामी = मंगल ,
धनु का स्वामी = गुरु ,
मकर का स्वामी = शनि ,
कुम्भ का स्वामी = शनि ,
मीन का स्वामी = गुरु |
अब हम पुनः आते है उस कुंडली में जिसमे कि ( https://shivaastrology.blogspot.in/2017/07/blog-post_9.html) लग्न भाव में संख्या 8 अर्थात वृश्चिक राशि लिखी होती है। इससे हम अब बता सकते है कि उस व्यक्ति की लग्न वृश्चिक और स्वामी मंगल है। दोस्तों अगर हमने किसी व्यक्ति की लग्न और स्वामी को पहचान लिया तो समझिये हमने 10% ज्योतिष सीख ली।
आगे की पोस्ट में हम बात करेंगे प्रत्येक राशि के सामान्य लक्षण और प्रत्येक ग्रह का सामान्य स्वभाव के बारे में।
क्रमशः........
दोस्तों!
पिछले पोस्ट में हमने देखा कि प्रत्येक भाव का क्या काम है अब हम देखेंगे कि प्रत्येक राशि का स्वामी कौन ग्रह होता है।
१२ राशियों के नाम एवम उनके स्वामी की जानकारी निम्न है ---
मेष का स्वामी = मंगल ,
वृष का स्वामी = शुक्र ,
मिथुन का स्वामी = बुध ,
कर्क का स्वामी = चन्द्रमा ,
सिंह का स्वामी = सूर्य ,
कन्या का स्वामी -= बुध ,
तुला राशी का स्वामी = शुक्र,
वृश्चिक का स्वामी = मंगल ,
धनु का स्वामी = गुरु ,
मकर का स्वामी = शनि ,
कुम्भ का स्वामी = शनि ,
मीन का स्वामी = गुरु |
अब हम पुनः आते है उस कुंडली में जिसमे कि ( https://shivaastrology.blogspot.in/2017/07/blog-post_9.html) लग्न भाव में संख्या 8 अर्थात वृश्चिक राशि लिखी होती है। इससे हम अब बता सकते है कि उस व्यक्ति की लग्न वृश्चिक और स्वामी मंगल है। दोस्तों अगर हमने किसी व्यक्ति की लग्न और स्वामी को पहचान लिया तो समझिये हमने 10% ज्योतिष सीख ली।
आगे की पोस्ट में हम बात करेंगे प्रत्येक राशि के सामान्य लक्षण और प्रत्येक ग्रह का सामान्य स्वभाव के बारे में।
क्रमशः........
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